Friday, May 20, 2011

मरने के बाद जिंदगी जैसा कुछ नहीं होता
स्वर्ग नरक कहते हैं वैसा कुछ नहीं होता।
कहने की बात है कहानी परियों की सी है
मरने के बाद जीने जैसा कुछ नहीं होता।
चिर निंद्रा में सो जाता है इन्सान जब भी
जगने जगाने जैसा वैसा कुछ नहीं होता।
दिल के अंदर झाँक सके तो झाँक देख ले
मन्दिर में भगवान जैसा कुछ नहीं होता।
जोगन बनना मीरा का बुद्ध का घर छोड़ना
लौ लग गई फिर ऐसा वैसा कुछ नहीं होता।
शब् के नसीब में तारीकियाँ हैं सदियों की
जलते दीयों से दिन जैसा कुछ नहीं होता।
ईद दिवाली होली क्रिसमस या बैसाखी
मुफलिसी में त्यौहार वैसा कुछ नहीं होता।

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