Friday, August 10, 2012

लोग उन्हें चाँद समझ कर देखते हैं
हम उन को जी भर कर देखते हैं।
उन आँखों मे हम जब भी देखते हैं
कुछ पल उनमे उतर कर देखते हैं।
खूबसूरती तो दिल की रौशनी है
हम उसे उनके बदन पर देखते हैं।
इतराने लगते हैं ख़ुद पर बहुत वो
सब उन्हें जब इस क़दर देखते हैं।
वो खुशबु हैं, ख्वाब हैं या ख़ुदा हैं
सब उन को ठहर कर देखते हैं।
सिफ़त साक़ी में है या पैमाने में
हम ये आँखों में डूब कर देखते हैं।


Sunday, August 5, 2012

रात भर तेरी याद आती रही
बेवज़ह क़रार दिलाती रही।
जैसे सुनहरी धूप सर्दी की
ठिठुरती देह सहलाती रही।
जैसे सहरा में चले बादे सबा
रूह को भी थपथपाती रही।
दमकता रहा चाँद आसमां पे
चांदनी दर खटखटाती रही।
ऊंघता बिस्तर सो नहीं सका
तेरी ख़ुश्बू नखरे दिखाती रही।
कितना मैं अधूरा रह गया था
इसकी भी याद दिलाती रही।




Friday, August 3, 2012

मेरे बाद मुझको ये ज़माना ढूंढेगा
हकीकत को एक अफ़साना ढूंढेगा।
सिर्फ यादों में सिमट जायेगा सफ़र
अश्क भी बहने का बहाना ढूंढेगा।
खत्म हो जायेगी कहानी जब मेरी
मेरा ही दर्द अपना ठिकाना ढूंढेगा।
सुबहें, शामें, रातें कितनी हसीं थी
सूनापन वो खिलखिलाना ढूंढेगा।
मुहब्बत करने वाले तन्हा नहीं रहते
इन लम्हों को मेरे हर दीवाना ढूंढेगा।
हर शख्श बेमिसाल होता है
ख़ुद अपनी मिसाल होता है।
तुझ जैसा कौन है दुनिया में
तुझे देख चाँद बेहाल होता है।
हुस्न पर अपने न इतराया करो
नज़रों में बड़ा बवाल होता है।
पाँव आइस्ता रखना जमीं पर
धरती के दिल में मलाल होता है।
दुनिया में कोई फरिश्ता नहीं है
तुझे देख मगर ख़्याल होता है।
किस किस के होकर रहोगे तुम
हवाओं से यह सवाल होता है।

Thursday, August 2, 2012

उबाल ने कुछ बवाल ने तोड़ दिया
कुछ दिल के मलाल ने तोड़ दिया।
जो कमाता था वो ही खाता था वो ।
एक दिन की हड़ताल ने तोड़ दिया।
उमीदों ने पंख नए खरीद लिए थे
पर बेतरतीब उछाल ने तोड़ दिया।
सिखाई थी अदाकारीहालात ने तो
क्या करें उसी कमाल ने तोड़ दिया।
कितना गुलाबी मौसम था देखिये
पता नहीं किस ख़्याल ने तोड़ दिया।
ख़िदमत तो उस ने बहुत की मगर
हमें उसकी सम्भाल ने तोड़ दिया।