खबर सुनकर फिर रुका नहीं जाता
उल्टा जूता पहन कर चला नहीं जाता।
अपने ही घर में लगा करता है मन
किसी के घर महीनो रहा नहीं जाता।
शब् गा उठी महकते ही रात रानी के
दिल के काबू में अब रहा नहीं जाता।
चाँद सितारे साथ रहने लगे जब से
तन्हाई में तन्हा अब रहा नहीं जाता।
जरूरत न थी नए को पुराना कह दिया
पुराने को मगर नया कहा नहीं जाता।
दामन तार तार होने को है तैयार पर
एहसान किसी का लिया नहीं जाता।
Friday, April 22, 2011
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