मेरी वफ़ा को बेवफा मत कहना- इस दिल को भी बुरा मत कहना। 
लोग कहते हैं कहा करें कुछ भी - तुम प्यार को खता मत कहना। रात मसरूफियत में ही कटी थी - तुम उसको रतजगा मत कहना। आंसू गिरा तो आवाज़ न होगी - किसी अश्क को मेरा मत कहना। मेरे लहजे में तक्क्लुफ़ न रहा - तुम मुझे दिवालिया मत कहना। 
 
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