Friday, April 22, 2011

बिक न सका वह नीलाम हो गया
कितना ऊँचा उसका दाम हो गया।
बिक जाता इज्ज़त पर्दे में रह जाती
नीलाम होते ही वह बदनाम हो गया।
मुफलिसी में था तो दबा ढका था
गली गली चर्चा अब आम हो गया।
राजा बना रहता था दिल का अपने
किस्मत है अब गुलाम हो गया।
कहानी गरीब की यह नई नहीं है
पल पल कटता तमाम हो गया।


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