Wednesday, July 1, 2015

मेरे हिस्से की शामे ग़म  दे दो। 
ग़मों का मुझको मौसम दे दो।  

उधारी चुकानी है मुझे दर्द की 
ज़ख्मों की मुझको रक़म दे दो। 

मरहम ठीक होने का मत देना   
लड़ी आंसुओं की  पुरनम दे दो। 

पता है  तुम मेहरबान हो बहुत 
 मुझे अपना रहमो करम दे दो। 

चाहत है उड़ने की  आसमान में  
मेरी सांसों को  नया  दम दे दो। 

रोशनाई नही सूखे जिसकी कभी 
प्यार की सुनहरी वो क़लम दे दो। 

  

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