सजी हुई है रंगोली गली गली बरसाने में
धूम मची है चारो तरफ होली की बरसाने में।
उमड़ रहा है रसिकों का मेला भी बरसाने में
गोपियाँ अपने कान्हां को बुला रही बरसाने में।
किये हुए सिंगार सोलह, बनी ठनी हर सखी
खेल रही सखों से लठमार होली बरसाने में।
अबके बरस खेलने को होली मैं भी लट्ठमार
एक नया लट्ठ लेकर आ पहुँची बरसाने में।
देख रंग बिरंगी छटा आँखें मेरी चुन्धियाई
राधा संग खेल रहे कान्हां होली बरसाने में।
देख के ऐसी सुन्दर होली दिल में है ये आया
हर जन्म में मैं दुल्हन बन आउंगी बरसाने में।
Saturday, March 3, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment