Tuesday, May 28, 2013

हर किसी को अपना वास्ता मत देना
नसीब जाग उठे  तो ख़ुदा  मत देना  !
 मज़ाक  बहुत  बना डालेगी दुनिया
दिल का अपने कभी रास्ता मत देना !
यहाँ किसी को भी तेरी परवाह नहीं है
हर किसी  को अपना पता मत  देना  !
बिगड़ जाएगी तेरे ज़ख्मों  की सूरत
बस घाव किसी को दिखा मत देना  !
दर्द के  नगर  पर नगर बस जायेंगे
ज़िन्दा सपनों को दफना मत देना  !
एक दरिया बना है आग का वह तो
उस को कभीभी तुम हवा मत देना  !
बुरा मान जायेगा  बहुत  जल्दी वह
उसको कभी भी  मश्वरा  मत देना  !
वफ़ा नहीं कर सको तो मत  करना
मगर किसी को भी दगा मत देना  ! 

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