तुझसे खुशबु लेकर के गुलाब महकता है
तेरे नूर से फ़लक़ पर सूरज चमकता है !
तेरी रूह की आंच से तपती है रूह मेरी
तेरे बदन की ताव से चाँद पिघलता है !
ख़्वाबों सी मिली है खुबसूरती तुझ को
दिलों की वादी में तेरा ही शोर मचता है !
तेज़ हुआ जाता है तूफ़ान मुहब्बत का
तुझे देख मौसम भी सरगम बदलता है !
बढ़ जाती हैं धडकने दिल की मेरे जब
तमाम शहर तुझको हसरत से तकता है !
तेरे नूर से फ़लक़ पर सूरज चमकता है !
तेरी रूह की आंच से तपती है रूह मेरी
तेरे बदन की ताव से चाँद पिघलता है !
ख़्वाबों सी मिली है खुबसूरती तुझ को
दिलों की वादी में तेरा ही शोर मचता है !
तेज़ हुआ जाता है तूफ़ान मुहब्बत का
तुझे देख मौसम भी सरगम बदलता है !
बढ़ जाती हैं धडकने दिल की मेरे जब
तमाम शहर तुझको हसरत से तकता है !
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