Saturday, May 18, 2013

बस तुम्हारे इंतज़ार का मौसम नहीं बदला
आजा कि अभी प्यार का मौसम नहीं बदला !
गली गली तुमने वो लुटाई थी जो खुशबू
ज़हन में उस बहार का मौसम नहीं बदला !
नमी इन आँखों की कब की ख़ुश्क हो गई
इस ख़ुश्क आबशार का मौसम नहीं बदला !
शहर में सब कुछ है मगर तेरी ही कमी है
दिल की मेरी पुकार का मौसम नहीं बदला !
आह तो मेरी पहुँच गई उस पार तक उड़के
मगर कभी उस पार का मौसम नहीं बदला !
बदलाव का मौसम है सब कुछ बदल गया
दिल के हमारे यार का मौसम नहीं बदला !
आजा की पहाड़ों पे बर्फ़ अब तलक़ जमी है
वह ठंडक वह बहार का मौसम नहीं बदला !
अब ये करें, कि तोड़ लें रिश्ता ज़हान से
जब तुम्हारे ही क़रार का मौसा नहीं बदला !

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