नए शहर में मसअला रिहाइश का होता है
समंदर किनारे सिलसिला बारिश का होता है।
गिर जाती है बिजली जब किसी इमारत पर
चरचा चारो और फिर साज़िश का होता है।
हुनर आ जाता है जब हाथ में काम करने का
ज़िक्र ओठों पर तब नुमाइश का होता है।
क्या जरूरी था वह मेरे पास ही आ जाता
रिश्ता तो दिलों में ख्वाहिश का होता है।
मेरी खानाबदोशी भी किसी कम न आई
लिहाज़ अमीरों की फरमाइश का होता है।
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Thanks Madhav
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