हिंदी की सम्पदा सिमटती जा रही है
हिंदी पल पल सिसकती जा रही है।
प्रयोग करने को शब्द नहीं मिलते
हर दिल से हिंदी हटती जा रही है।
अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ती नई पीढी
हिंदी से बहुत ही दूर हुई जा रही है।
हिंदी में सहजता से बोल नहीं पाते
परम्परा हिंदी की टूटती जा रही है।
व्यवहार में आने वाले शब्द भूल गएहैं
अंग्रेजी शब्दों से भरपाई की जा रही है।
कितनी ही कोशिशे कर के देख ली
दशा हिंदी की बिगडती ही जा रही है।
हर वर्ष हिंदी दिवस मनाकर ही बस
बरसी की रस्म अदायगी की जा रही है।
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