Friday, May 25, 2012


कमाया बहुत मैंने लुटाया बहुत कुछ
ज़िन्दगी की दौड़ में ,खोया बहुत कुछ।
शिकस्त -ओ-तजुर्बे ,हर क़दम पर मिले
इस से मैंने ज़िन्दगी में ,पाया बहुत कुछ।
शाकिर हूँ तेरा, ऐ वक्त, मैं दिलो जान से
तूने मुझे ज़िन्दगी में दिलाया बहुत कुछ।
कोई भी किस्सा ज़िन्दगी का ज़ाया न गया
ऐ ज़िन्दगी,तूने मुझे सिखाया बहुत कुछ।
ऐ दोस्त ,तुम्हारा भी शुक्रगुज़ार हूँ बहुत
जैसा भी हूँ ,मैं तुमने निभाया बहुत कुछ।





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