Tuesday, June 21, 2011

जिंदगी खुदा का दिया एक तोहफा है
मौत से हर वक्त करती मुकाबला है।
मुझमें और तुझमें कोई अंतर नहीं है
दिल में भरा हुआ अगर हौसला है।
मेरा नहीं है वह तेरा भी नहीं है वह
जुर्म करने वाले को देता सज़ा है।
जिंदगी सफ़र है समंदर से गहरा
ख़ुशी के साथ गम भूला बिसरा है।
उम्र पर पाबंदियां लगी हुई हैं क्यों
पीना रुतबे जरूरत का मामला है।
भ्रस्टाचार मिटाने को कहते हैं सब
मिटे कैसे दिल का तो यह हिस्सा है।






No comments:

Post a Comment