Monday, July 29, 2013

इतना  पीओगे तो  पहचानोगे कैसे
वक्त से भी निगाहें मिलाओगे कैसे !
खुश्क लब और चश्मे-तर लिए हुए
जिंदगी का साथ  निभाओगे  कैसे !
प्यार कभी भी मज़ाक  नहीं होता
दिल को अपने ये समझाओगे कैसे !
चाँद को छूने का भी वक्त है  यह
गोद में तुम उस को बिठाओगे कैसे !
बाहों का दम अगर चूक गया  तो
नाज़ फिर किसी के उठाओगे कैसे !
यह पल जो बहुत ही कीमती से हैं
इन लम्हों को सम्भाल पाओगे कैसे !
ये पूछना वक्त से शायद वो बताये
कि मेरे बिना तुम रह पाओगे कैसे !

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