Monday, July 29, 2013

झूठे वायदों का ही एतबार  करते रहे
हम एक सितमगर से प्यार करते रहे !
हमको पता था तुम न आ सकोगे पर
बेवज़ह ही हम फिर इंतज़ार करते रहे !
सारी रात चलते रहे पर घर नहीं पहुंचे
जख्मों की ही ही चार दीवार करते रहे !
गुज़रा नहीं एक लम्हा भी चैन से कभी
जिंदगी से हम तब भी प्यार करते रहे !
ख्वाबों जैसा रूप नही मिल सका कभी
तैयार खुद को तो बार बार करते रहे !
कोलकाता

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