कुछ हौसला तो दिखाना होगा
पुरानी रवायतों को भुलाना होगा।
सिकुड़ती जा रही हैं सरहदें भी
खुद को तो अब बचाना होगा।
यह दुनिया तो तडपाएगी सदा
पर दिल कहीं तो लगाना होगा।
ज़र्रा छू सकता है आसमान को
सबको यह भी तो दिखाना होगा।
सूरज बनकर चमक गया अगर
फिर कदमों पे तेरे जमाना होगा।
Thursday, October 13, 2011
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