फूलों ने हर मौसम में खिलना बंद कर दिया
खुशबूओं ने शिकवा करना बंद कर दिया
खुशबूओं ने शिकवा करना बंद कर दिया
दिल तेरे लिए हमने प्राणायाम तक किया
तूने ही कायदे से धड़कना बंद कर दिया
तूने ही कायदे से धड़कना बंद कर दिया
वक्त जब से तू भी जिद्द पर आ गया अपनी
हमने भी अपनी हद में रहना बंद कर दिया
हमने भी अपनी हद में रहना बंद कर दिया
क्या कहें हिज्र अच्छा है कि विसाल अच्छा है
अब हमने मजनूं सा दिखना बंद कर दिया
अब हमने मजनूं सा दिखना बंद कर दिया
अपना खून तक भी नही पहचान सके हम
शीशी में भरा था अपना लगना बंद कर दिया
शीशी में भरा था अपना लगना बंद कर दिया
मुझको देना तो अब तुम कोई दुआ मत देना
अब मैंने भी चांद सा दिखना बंद कर दिया
अब मैंने भी चांद सा दिखना बंद कर दिया
रोशनाई ही सूख गई है अब तो दिल की
खत हमने उनको लिखना बंद कर दिया
खत हमने उनको लिखना बंद कर दिया
पानी भी अब जहर समान हो गया मेरे लिए
ड़ाकटर ने बार बार चखना बंद कर दिया
ड़ाकटर ने बार बार चखना बंद कर दिया
जरूरतों की सब चीजें हैं अब मेरे पास भी
अब मैंने हाय तौबा करना बंद कर दिया
अब मैंने हाय तौबा करना बंद कर दिया
सतेन्द्र गुप्ता
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