हमारे दर्द भी क्या गजब ढाते हैंं
दुनिया के बहुत काम आते हैंं
दुनिया के बहुत काम आते हैंं
इंतज़ार रहता है सबको बहुत
दर्द पे मेरे सब खिलखिलाते हैं
दर्द पे मेरे सब खिलखिलाते हैं
आसुओं को बहता देखकर वह
चश्मे नम अपनी भी कर जाते हैंं
चश्मे नम अपनी भी कर जाते हैंं
फिर पोंछ देते हैंं आसुओं को
हंस कर हमे गले से लगाते हैंं
हंस कर हमे गले से लगाते हैंं
चैन से जीने नही देते हमको
पीठ पीछे बातें बहुत बनाते हैंं
पीठ पीछे बातें बहुत बनाते हैंं
ऐसे दोस्तों का करें क्या बता
दोस्ती का भी मजाक उड़ाते हैंं
दोस्ती का भी मजाक उड़ाते हैंं
सतेन्द्र गुप्ता
No comments:
Post a Comment