Tuesday, June 7, 2016

बहुत खूबसूरत है खुशबू तुम्हारी
महकती है फिजा बदौलत तुम्हारी
मुबारक हो तुम्हे हर अदा तुम्हारी
सलामत रहे आशिक़ी भी हमारी
आज तुम बड़ा गजब ढा रही थी
चाँद ने थी आरती तुम्हारी उतारी
चांदनी भी आज पशेमां बहुत थी
चुका रही थी आज वो भी उधारी
एक बहम सा दिल मेंं बस गया था
हमने दिल में नज़र तुम्हारी उतारी
जाने उन लम्हो ने भी क्या सोचा था
गुदगुदा रही थी दिल को भी खुमारी
रूह मुहब्बत की बारिश मे भीगी थी
तुम बाहों मे सिमट रही थी हमारी
तुम्हारी खुशबू का ही पता करती है
जब भी चलती हैंं यह हवाएं बिचारी

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