ज़िन्दगी मुझे एक सौग़ात दे दे
फ़ुरसत के थोड़े से लम्हात दे दे।
वक़्त नहीं है तेरे पास बिलकुल
मुझको वक़्त ए मुलाक़ात दे दे।
दर्द को मेरे कहीं मह्फ़ूज़ कर दे
ग़मों से मुझ को निज़ात दे दे।
गुलशन में सबा बन कर महकूं
दिल को वह राज़े हयात दे दे।
तेरे हिस्से का मिल गया तुझको
मेरे हिस्से की भी क़ायनात दे दे।
कहानी मेरी भी ये अमर हो जाए
मुझ को तू वह आबे हयात दे दे।
मैं भी तो बंदगी खुदा की कर लूं
मुझे यह अदना सी बिसात दे दे।
शान में उसके अता कर सकूँ मैं
कुछ ऐसे मुझ को नग्मात दे दे।
मैं भी रह लूँ कुछ पल सुक़ून से
लम्बी सी मुझको कोई रात दे दे।
राज़े हयात - ज़िंदगी का राज़
क़ायनात - दुनिया , अदना -ज़रा सी
आबे हयात - ज़िंदगी का अमृत
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