ज़िंदगी तेरे लिए भी अज़नबी सी थी
ज़िंदगी मेरे लिए भी इक पहेली थी।
मोहरे प्यादे वज़ीर की चालें तय थी
बिसात इनकी पहले से ही बिछी थी।
मेरे सीने से लगके सोया था मेरा दर्द
महक़ इस में तेरी सांसो की बसी थी।
उसीकी ज़ुस्तज़ु हमें उदास करती है
जिसकी आरज़ू इस दिल में रहती थी।
जिससे मिलने गए हम सादा दिल लिए
उसने ही मेरे ज़ख्मों की तिज़ारत की थी।
मिला वो आज तो हंसकर के यह बोला
मैंने तो बस ज़रा सी चुटकी ही ली थी।
चेहरा ही तो पहचान है आदमी की भी
उसने बदलने की इसे कोशिश की थी।
कल बेहतर थे आज लाखों में शुमार हैं
इस के लिए हमने बड़ी मेहनत की थी।
ज़िंदगी मेरे लिए भी इक पहेली थी।
मोहरे प्यादे वज़ीर की चालें तय थी
बिसात इनकी पहले से ही बिछी थी।
मेरे सीने से लगके सोया था मेरा दर्द
महक़ इस में तेरी सांसो की बसी थी।
उसीकी ज़ुस्तज़ु हमें उदास करती है
जिसकी आरज़ू इस दिल में रहती थी।
जिससे मिलने गए हम सादा दिल लिए
उसने ही मेरे ज़ख्मों की तिज़ारत की थी।
मिला वो आज तो हंसकर के यह बोला
मैंने तो बस ज़रा सी चुटकी ही ली थी।
चेहरा ही तो पहचान है आदमी की भी
उसने बदलने की इसे कोशिश की थी।
कल बेहतर थे आज लाखों में शुमार हैं
इस के लिए हमने बड़ी मेहनत की थी।
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