Monday, June 24, 2013



सहर से पहले मुझे जगा मत देना
नींद को मेरी  तुम उड़ा मत देना !
तस्वीरें जो दिल में सजाई हैं मेरी
उन्हें दिलसे अपने हटा मत देना !
खेल खेल लेना जितना खेल सको
मुझको मगर कभी दगा मत देना !
बड़ा शोर होता है दर्द गूंजता है जब
दुखती हुई रगों को हिला मत देना !
तन्हाईयाँ तोड़ दिया करती हैं बहुत
तन्हाइयों को  मेरा पता मत देना !
सुलगती दोपहर  में धूप के  वक्त
दरख्त की शाखों को जला मत देना !
ढूंढता फिर रहा हूँ किस्मत अपनी मैं
मेरे हाथ में क्या है  बता मत देना !

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