फूल टूट कर भी महका था
दर्द खुशबुओं में लिपटा था !
गहरा नाता है सुख दुःख में
अश्क़ ख़ुशी में भी निकला था !
तितली फूल से लिपटी हुई थी
भँवरे का ताल्लुक़ भी गहरा था !
चांदनी धरती पर फैली हुई थी
चाँद आसमान पर अकेला था !
बहुत चीखता था जो तूफ़ान
दर दर भी वह ही तो भटका था !
समन्दर से उठा था एक बादल
और सहरा में भी वह टपका था !
कुछ तो मेरी ही दीवानगी थी
कुछ आइना भी बोलता था !
हर कोई अपना सा था लेकिन
यहाँ कोई भी नही अपना था !
सुख दुःख में साथ दिया जिसने
कोई और न था मेरा आइना था !
दर्द खुशबुओं में लिपटा था !
गहरा नाता है सुख दुःख में
अश्क़ ख़ुशी में भी निकला था !
तितली फूल से लिपटी हुई थी
भँवरे का ताल्लुक़ भी गहरा था !
चांदनी धरती पर फैली हुई थी
चाँद आसमान पर अकेला था !
बहुत चीखता था जो तूफ़ान
दर दर भी वह ही तो भटका था !
समन्दर से उठा था एक बादल
और सहरा में भी वह टपका था !
कुछ तो मेरी ही दीवानगी थी
कुछ आइना भी बोलता था !
हर कोई अपना सा था लेकिन
यहाँ कोई भी नही अपना था !
सुख दुःख में साथ दिया जिसने
कोई और न था मेरा आइना था !
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