Saturday, April 14, 2012

तुम्हारे जाने से हर आँख शबनमी होगी
महसूस हर दिल को तुम्हारी कमी होगी
कभी न बुझेगा तुम्हारी यादों का दिया
कि उसी से दिल में हमारे रौशनी होगी।
अंदर ही अंदर हम बड़े बिखर रहें होंगे
नक़ाब ओढ़े हर वक्त संजीदगी होगी।
अकेले होकर भी हम अकेले नहीं होंगे
ख़ुश्बू तुम्हारी ज़हन में महकती होगी।
दिल तेरे गम के दरिया मेंडूबा करेगा
अज़ब अंदाज़ लिए वो तिश्नगी होगी।
बिछ्डके तुमसे जीना तो पड़ेगा लेकिन
ढूंढती अशआरों में तुम्हे शायरी होगी।
ख़ुदा करे तुम हर कसौटी पर खरे उतरो
दिल से हर वक्त दुआ निकलती होगी।



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