Monday, January 2, 2012

या तो मेरे घर की मरम्मत करा दो
या कोई मुझको नया घर दिला दो।
दीवारें इसकी सारी ही सील गई हैं
जतन कोई करके इनको सूखा दो।
मौसम बदल रहा है हवाएं भी तेज़ हैं
खता क्या है मेरी इतना भी बता दो।
हाले- दिल बेहद ही बेहाल है मेरा
लम्स से अपने तुम इसको सहला दो।
रोएगा न दिल फिर यह वादा है मेरा
बस जरा सा इसको हंसना सिखा दो।
होती रहे प्यार की पूजा सदा जिसमे
मेरे दिल को ऐसा एक मन्दिर बना दो।

1 comment:

  1. रोएगा न दिल फिर यह वादा है मेरा
    बस जरा सा इसको हंसना सिखा दो।
    होती रहे प्यार की पूजा सदा जिसमे
    मेरे दिल को ऐसा एक मन्दिर बना दो।
    वाह !!! बहुत ही सुंदर भावों से सजी सुंदर अभिव्यक्ति

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