जिंदगी को मौत से लड़ते देखा है
दिल वेंटिलेटर पर धडकते देखा है।
मौत आती दिखाई देती है जब भी
दिल जीने की ही दुआ करते देखा है।
शाहे-दिल देखा है मुफलिस का तो
अमीर को भी आह भरते देखा है।
प्यार का अंजाम यह भी देखा हमने
ज़िस्म साबुत है दिल टूटते देखा है।
इंसान बनकर तो जी न सका कभी
आदमी को देवता ही बनते देखा है।
तासीर तेरे मैक़दे की गज़ब है साकी
पीकर आदमी सच उगलते देखा है।
मुझसे ज्यादा प्यार की दरकार किसे है
मैंने हर आँख से आंसू बहते देखा है।
Monday, January 9, 2012
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