बीते लम्हों से जो बात हुई
लगा उनसे मुलाक़ात हुई।
कौन छूकर फिर गुजरा है
रूह की दिल से ये बात हुई।
पोर पोर जलाती दुपहरी में
चिनारों पे जैसे बरसात हुई।
मेरा दिल तेरी पनाह में है
आज भी उनसे यही बात हुई।
वक़्त का पता ही न चला
कब दिन बीता कब रात हुई।
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