जिसकी फितरत है दगा करने की
सोच नहीं सकता वफ़ा करने की।
सुनकर भी नहीं सुनता किसी की
क्या जरूरत है उससे बात करने की।
हमें तो नागवार गुजरता है बहुत
नहीं आदत है गलत बात करने की।
लागा लिपटी पसंद नहीं बिल्कुल
हमे आदत है साफ़ साफ़ कहने की।
गली गली फिरता है मारा मारा
नहीं आती अदा उसे दिल में बसने की।
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