Saturday, June 19, 2010

कमाल होता है

हर वक़्त कुदरत का कमाल होता है ।
सूरज सुबह निकलता है लाल होता है ।
दिन भर कड़ी मेहनत करने के बाद
ढलता है तब भी वह लाल होता है ।
मिटटी में मिल इंसां मिटटी से बनता है
दिल उसकी कारीगरी पर निहाल होता है।
एक सांचे में ढलके फितरत है अलग क्यों
जेहन में रह रहकर यह सवाल होता है।
जो उसकी नेमतों की कद्र नहीं करता

अमीर होकर भी शख्श वह कंगाल होता है।

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