Wednesday, May 27, 2009

खिलौना कार

हर सुबह अखबार में सब
अपनी अपनी पसंद के कोलम
सबसे पहले देखते हैं
कोई स्पोर्ट्स कोलम
कोई शेयर मार्केट न्यूज़
कोई फ्रंट न्यूज़
कोई विज्ञापन

डेढ़ वर्ष का नन्हा सा बालक
बडी उत्सुकता से अखबार खोलता है
कोई और पहले पढने लगे तो रोता है
अखबार लेता है खोलता है
विज्ञापन में छपी कारो को
देखकर बहुत खुश होता है
अपनी मम्मी की कर जैसी स्विफ्ट कार
छपी देखकर कहता है मम्मी तार

पापा जैसी होंडासिटी देखकर
कहता है पापा तार
अपने नाना की जैन जैसी छपी कार
देखकर कहता है नानू तार
बाकी सब छपी हुईं कारे
उसके लिए हैं अन्त्ल तार
कारो की तस्वीरे देखकर
उसके मासूम चेहरे पर
अनोखी चमक आ जाती है
वह अपनी खिलोनो वाली कारो को
उठाकर लाता है
जितनी कारे समाचारपत्र में
छपी हुई देखता है
उतनी ही खिलौना कारो को
एक एक kar लाइन में लगाकर खुश होता है
जैसे उन्हें पार्किंग में पार्क क्र रहा हो
उसके चेहरे की खुशी
उसकी आँखों की चमक
देखने लायक होती है
जब नन्ही हथेलियों से
तालियाँ बजाकर वह खुश होता है
जैसे उसे कोई अकूत खजाना मिल गया हो

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