Monday, March 11, 2019





    तिरोहे तीन मिसरी शायरी
शहीद हुए पुलवामा में जो श्रद्धान्जली उन्हें देने को
वंदे मातरम की हमने अब अलख नई जगा दी है
आतंकवाद की होली भी पार सरहद ही जला दी है
नहीं खेलने देंगे किसी को भी मां तेरे सम्मान से हम
सरफिरे लोगो को हमने यह बात अब समझा दी है
मां तेरे सपूतों ने तेरी रक्षा करने की दिल
में ठानी है
न छीन सकेगा कोई मां तुझसे तेरे स्वाभिमान को
घर घर में जन्मे भगत सिंह रानी लक्ष्मीबाई है
नए अंदाज़ में मां तेरी जय जयकार हमें
सुनानी है
बरसों गुलामी सह हमने दौलत देश भक्ति
की कमाई थी
न लुटने देंगे इस सम्पदा को कसम सबने ये
खाई है
ये साहस धैर्य और देशभक्ति मां तुझ पर ही बलिहारि है
जंग लगे हथियारों पर हमने अब धार तेज़
लगवा दी है
नए अंदाज़ में वंदे मातरम की आवाज भी
सबको सुना दी है
आतंकवाद की होली हमने पार सरहद के जला दी है
----- डॉ सत्येन्द्र गुप्ता

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