तीन मिसरो की शायरी मेरी एक नई विधा है इसमें
दो मिसरो में मैंने एक मिसरा और जोड़ दिया जिससे
पहले दोनों मिसरो का वज़ूद और बढ़ गया और उनकी
क़ैफ़ियत बहुत ऊंचाई तक पहुँच गयी मैंने इस मिसरे
का नाम रखा है मिसरा ए ख़ास।
उदहारण के लिए
आज तक वह आईना न बना
मुझे मुझ से रूबरू करा देता
मुझको मेरी औकात बता देता
परदेस चले गए थे कमाने के वास्ते
लौट आए शक़्ल किसको दिखाते
दस्ताने दर्द किस किसको सुनाते
लौट आए शक़्ल किसको दिखाते
दस्ताने दर्द किस किसको सुनाते
शान से ले जाती है जिसे भी चाहे
दर पर खड़ी मौत फकीर नहीं होती
उसके पास कोई तहरीर नहीं होती
दर पर खड़ी मौत फकीर नहीं होती
उसके पास कोई तहरीर नहीं होती
फूल की तरह महकता है कागज़
जिस पर मैंने तेरा नाम लिखा है
लगता है तेरी खुशबू का टुकड़ा है
जिस पर मैंने तेरा नाम लिखा है
लगता है तेरी खुशबू का टुकड़ा है
तीन लाइन का ही खत था
सारी बातें जरूरी रह गईं
चाहतें सब अधूरी रह गईं
सारी बातें जरूरी रह गईं
चाहतें सब अधूरी रह गईं
---------सत्येन्द्र गुप्ता
कोट द्वार रोड नजीबाबाद
मो 9837024900
कोट द्वार रोड नजीबाबाद
मो 9837024900
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