उससे निगाह मिला सके, किसमे ताब थी
उसकी आँखों में चमक ही लाज़वाब थी !
उसकी महक ने ही रौंद दिया ज़िस्म को
पता नहीं कैसी वह जादुई शराब थी !
सुलगती थी रूह और तपता था बदन
वह तो मगर कोई ख्यालो ख़ाब थी !
जी पढने का करे तो देखते रह जाएं
वह तस्वीरों की ऐसी ही क़िताब थी !
फ़रिश्ते भी उसे देख कर के हैरान थे
वह महताब थी कि वह आफ़ताब थी !
उसकी आँखों में चमक ही लाज़वाब थी !
उसकी महक ने ही रौंद दिया ज़िस्म को
पता नहीं कैसी वह जादुई शराब थी !
सुलगती थी रूह और तपता था बदन
वह तो मगर कोई ख्यालो ख़ाब थी !
जी पढने का करे तो देखते रह जाएं
वह तस्वीरों की ऐसी ही क़िताब थी !
फ़रिश्ते भी उसे देख कर के हैरान थे
वह महताब थी कि वह आफ़ताब थी !
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