अब तोहम हद से गुज़र के देखेंगे
नया कुछ भी हम कर के देखेंगे।
भ्रष्टाचार खत्म करने को सदा ही
हम सब अन्ना बन कर के देखेंगे।
हमें रोके ताब किस में है इतना
हम इतिहास बदल कर के देखेंगे।
मानवता से इस दानवता का
पर्दा अब तो हटा कर के देखेंगे।
अपना अपना सुधार कर के हम
नित नई जोत जगाकर के देखेंगे।
लड़ाई तो अभी अभी शुरू हुई है
जीत भी हम मना कर के देखेंगे।
अमर तिरंगे को आसमा में ऊँचा
नए ढंग से लहरा कर के देखेंगे।
Friday, August 19, 2011
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