तिरोही गज़ल
हमने अपनी नींदे भी तेरे नाम करदी
सुहानी अपनी रातें भी तेरे नाम करदी
सुनहरी सब सुबहें भी तेरे नाम करदी
हमने अपनी नींदे भी तेरे नाम करदी
सुहानी अपनी रातें भी तेरे नाम करदी
सुनहरी सब सुबहें भी तेरे नाम करदी
बचपन की उमंगें भी तेरे नाम करदी
जवानी की शामें भी तेरे नाम करदी
शबनमी मुहब्बतें भी तेरे नाम करदी
जवानी की शामें भी तेरे नाम करदी
शबनमी मुहब्बतें भी तेरे नाम करदी
हम दिल से अमीर थे चाहे गरीब थे
दिल की दौलतें भी तेरे नाम करदी
अपनी ख़्वाहिशें भी तेरे नाम करदी
दिल की दौलतें भी तेरे नाम करदी
अपनी ख़्वाहिशें भी तेरे नाम करदी
ज़िन्दगी तेरी आजमाईशें पूरी न हुई
हमने अपनी सांसें भी तेरे नाम करदी
दिल की मिल्कियतें भी तेरे नाम करदी
हमने अपनी सांसें भी तेरे नाम करदी
दिल की मिल्कियतें भी तेरे नाम करदी
डॉ सत्येन्द्र गुप्ता
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