नर्म लहजे में प्यार से बात न हुई
मुद्दत से कोई जवान रात न हुई
मुद्दत से कोई जवान रात न हुई
उम्र तो हमारी भी हो चली अब
मुहब्बत की कभी बरसात न हुई
मुहब्बत की कभी बरसात न हुई
बादलों में ही छिपा रहा रात भर
नए चाँद से कोई करामात न हुई
नए चाँद से कोई करामात न हुई
इतना मिलते थे हम भी जवानी से
बाद उससे कभी मुलाकात न हुई
बाद उससे कभी मुलाकात न हुई
अब हर बात मुश्किल सी लगती है
पहले तो इतनी मुश्किलात न हुई
पहले तो इतनी मुश्किलात न हुई
जिंदगी ने भी इतना आजमाया हमें
कभी उनसेभी दिल की बात न हुई
कभी उनसेभी दिल की बात न हुई
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