मिजाज सबका ही बदल रहा है
चिराग हवाओं मे भी जल रहा है
चिराग हवाओं मे भी जल रहा है
जिस पहाड़ी पर बरफ गिरी थी
पत्थर उसका ही तो गल रहा है
पत्थर उसका ही तो गल रहा है
कल गुरूर ही गुरूर था उसमे
आज गुरूर उसका पिघल रहा है
आज गुरूर उसका पिघल रहा है
कभी जिसने देखा था न मुझको
साथ मेरे अब वही चल रहा है
साथ मेरे अब वही चल रहा है
आज आदमी मरने से पहले ही
हर लम्हा तिल तिल गल रहा है
हर लम्हा तिल तिल गल रहा है
न जख्म है न निशान है दिल पर
दर्द सीने मे तो मगर पल रहा है
दर्द सीने मे तो मगर पल रहा है
दोस्त को आगे बढता देख कर
दिल ही दिल मे वह जल रहा है
दिल ही दिल मे वह जल रहा है
गलती से पूज दिया था जिसको
खुदा बन कर वही तो छल रहा है
खुदा बन कर वही तो छल रहा है
किस को फुरसत है जो सोचे
चलने दो अब जैसा चल रहा है
चलने दो अब जैसा चल रहा है