आकाश में पगडंडियां नहीं होती
रहने को झोपण्ड़ियां नहीं होती।
आकाश में उड़ते हुए परिंदों की
ज़मीन पर परछाइयां नही होती।
ज़िंदगी करवटें बदलती रहती है
हर वक़्त उदासियां नहीं होती।
चाँद ने तो घटना बढ़ना होता है
हक़ीक़तें कहानीयां नहीं होती।
चलती है या फिर वो नहीं चलती
हवा में गलतफहमियां नहीं होती।
तन्हाइयां भी साथ में नहीं रहती
दरमियां अगर दूरियां नहीं होती।
ज़िंदगी ही फिर तो दूभर हो जाती
उसमे अगर चुनौतियां नहीं होती।
कृष्णा कभी भावुक हुए नहीं होते
दूर अगर गई गोपियां नहीं होती।
रहने को झोपण्ड़ियां नहीं होती।
आकाश में उड़ते हुए परिंदों की
ज़मीन पर परछाइयां नही होती।
ज़िंदगी करवटें बदलती रहती है
हर वक़्त उदासियां नहीं होती।
चाँद ने तो घटना बढ़ना होता है
हक़ीक़तें कहानीयां नहीं होती।
चलती है या फिर वो नहीं चलती
हवा में गलतफहमियां नहीं होती।
तन्हाइयां भी साथ में नहीं रहती
दरमियां अगर दूरियां नहीं होती।
ज़िंदगी ही फिर तो दूभर हो जाती
उसमे अगर चुनौतियां नहीं होती।
कृष्णा कभी भावुक हुए नहीं होते
दूर अगर गई गोपियां नहीं होती।
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