सुना है कुछ आंसू आज आना चाहते थे
एहसास दिल को कुछ दिलाना चाहते थे।
उदासियाँ महक रही हैं अन्दर मेरे कुछ
अक्स मुझको उनका दिखाना चाहते थे।
एक नाम हर वक़्त ज़बां पर था जो मेरे
सीने में उसे गहरा दफ़नाना चाहते थे।
यह हाथ बे रंगे हिना अच्छे नहीं लगते
चाँद तारे हथेली पर सजाना चाहते थे।
मेरा मिज़ाज बिलकुल हवाओं जैसा है
हम रिश्तों पे जमी गर्द उड़ाना चाहते थे।
गुज़रे हुए ज़माने की आरज़ू नहीं हूँ मैं
वक़्त को भी तो यह बतलाना चाहते थे।
उतार लेते हैं जो अपने हाथ पर सूरज
दिया उनके हाथों ही जलाना चाहते थे।
तुम्हे ही मौक़ा न दिया ज़रा सा भी हमें
हम तो हद से ही गुज़र जाना चाहते थे।
कहाँ से ढूंढ कर लाते ज़न्नत दूसरी हम
हम तो वही मौसम पुराना चाहते थे।
नींद आती तो बुला लेते आँखों में तुम्हे
ख्वाब तो तुम्हारा ही सिरहाना चाहते थे।
एहसास दिल को कुछ दिलाना चाहते थे।
उदासियाँ महक रही हैं अन्दर मेरे कुछ
अक्स मुझको उनका दिखाना चाहते थे।
एक नाम हर वक़्त ज़बां पर था जो मेरे
सीने में उसे गहरा दफ़नाना चाहते थे।
यह हाथ बे रंगे हिना अच्छे नहीं लगते
चाँद तारे हथेली पर सजाना चाहते थे।
मेरा मिज़ाज बिलकुल हवाओं जैसा है
हम रिश्तों पे जमी गर्द उड़ाना चाहते थे।
गुज़रे हुए ज़माने की आरज़ू नहीं हूँ मैं
वक़्त को भी तो यह बतलाना चाहते थे।
उतार लेते हैं जो अपने हाथ पर सूरज
दिया उनके हाथों ही जलाना चाहते थे।
तुम्हे ही मौक़ा न दिया ज़रा सा भी हमें
हम तो हद से ही गुज़र जाना चाहते थे।
कहाँ से ढूंढ कर लाते ज़न्नत दूसरी हम
हम तो वही मौसम पुराना चाहते थे।
नींद आती तो बुला लेते आँखों में तुम्हे
ख्वाब तो तुम्हारा ही सिरहाना चाहते थे।
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