Saturday, October 4, 2014

वो मुठ्ठी में सारा आसमान लिए बैठे हैं
वो दिल में बहुत से अरमान लिए बैठे हैं।
मेरी लम्बी उम्र है बोले मुझसे मिलते ही
क़त्ल का मेरे जो वो सामान लिए बैठे हैं।
आज चेहरे पर फ़िर से चेहरा नया चढ़ा है
आज फिर  एक नई पहचान लिए बैठे हैं।
इस तरह आँखे चुराके यार मुझसे न मिल
हम भी तो तेरे भरोसे जान  लिए बैठे हैं।
हमें मंज़ूर नहीं शिकायतें  करना अक्सर
मुंह में  हम भी अपने ज़ुबान लिए बैठे हैं।
नेकियां करके हमने भी कुएं में डाल  दी
हम भी दिल में अपने इंसान लिए बैठे हैं।     

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