सुर्ख लबों पर तिल बेमिसाल होता है
कोई हुस्न सर-ता-पा कमाल होता है !
असीम सुन्दरता की मूरत है तू ,तुझे
उर्वशी कहूं या वीनस सवाल होता है !
रजनीगंधा भी महक तुझसे चुराती है
दिल यूंही नहीं तुझपे निहाल होता है !
मौज में आया हुआ समंदर है तू तो
तुझे देख आइना भी बेहाल होता है !
तुझे देखा न करे तो क्या करे कोई
तेरा तब्बसुम आरजूऐ विसाल होता है !
ढूंढें नहीं मिलते लफ्ज़ तेरी तारीफ़ में
रु-ब-रु फीका चाँद का जमाल होता है !
कोई हुस्न सर-ता-पा कमाल होता है !
असीम सुन्दरता की मूरत है तू ,तुझे
उर्वशी कहूं या वीनस सवाल होता है !
रजनीगंधा भी महक तुझसे चुराती है
दिल यूंही नहीं तुझपे निहाल होता है !
मौज में आया हुआ समंदर है तू तो
तुझे देख आइना भी बेहाल होता है !
तुझे देखा न करे तो क्या करे कोई
तेरा तब्बसुम आरजूऐ विसाल होता है !
ढूंढें नहीं मिलते लफ्ज़ तेरी तारीफ़ में
रु-ब-रु फीका चाँद का जमाल होता है !
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