Sunday, January 6, 2019

महोदय,
रुबाई ,मुक्तक,छ्न्द चार लाइनो में ही कहा जाता है इनको तीन लाइनो में कहने का मैंने प्र्यास किया है - गज़ल में भी शेर और मतला चार लाइनो में होता है यानि चार मिसरो का होता है - इस्को भी तीन लाइनो मे कहा है -यह एक नई विधा है जिसको मैंने नाम दिया है --तिरोहे --तीन मिसरी शायरी - इस नई विधा पर इंडियन वर्चुअल युनिव्र्सिटी ऑफ पीस एअंड एजुकेशन बंग्लोरे ने मुझे मास्टऑफ हिंदी लिट्रेचर की मानिक डिग्री से नवाज़ा है तीन मिसरो में कहने और सुनने वाले को अतिरिक्त आन्अंद की प्राप्ति होती है और तीन लाइनो में उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं -जेसे
पांव डुबोये बैठे थे पानी में झील के
चांद ने देखा तो हद से गुज़र गया
आसमान से उतरा पांव में गिर गया
बहुत तकलीफ सह कर पाला मा ने
मा की झुरिर्या बेटे की जवानी हो गई
वक्त बीतते बीतते मा कहानी हो गई
शान से ले जाती है जिसको भी चाहे
दर पर खडी मौत फक़ीर नहीं होती
उसके पास कोई तहरीर नही होती
डा सत्येंद्र गुप्ता

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