मैंने उसको अपना जिगर दे दिया
उसने गम मुझे इस कदर दे दिया
उसने गम मुझे इस कदर दे दिया
मेरा जिगर छलनी करने के वास्ते
मेरे हाथ मेंं अपना खंजर दे दिया
मेरे हाथ मेंं अपना खंजर दे दिया
उसका मुकद्दर संवारने के लिए
मैंने उसे अपना दस्ते हुनर दे दिया
मैंने उसे अपना दस्ते हुनर दे दिया
छांह भी मयस्सर न होसकी कभी
सूखी शाखों का मुझे शज़र दे दिया
सूखी शाखों का मुझे शज़र दे दिया
आसूं तक अपना चलन भूल गए
मुझको ऐसा जख्मे जिगर दे दिया
मुझको ऐसा जख्मे जिगर दे दिया
No comments:
Post a Comment