इस नजाकत से उसने नाम मेरा लिया
नूर मुहब्बत का मुझ पर बरसा दिया
नूर मुहब्बत का मुझ पर बरसा दिया
मैं झिझकता रहा उसने हाथ थाम मेरा
इश्क़ से मेरा भी तआर्रूफ करा दिया
इश्क़ से मेरा भी तआर्रूफ करा दिया
मदमाती नज़रों से मुझे देखा इस कदर
नशे का मुझको भी तो आदी बना दिया
नशे का मुझको भी तो आदी बना दिया
विसाले शब जुबां से कुछ भी नहींं कहा
सासों को खुशबू से अपनी महका दिया
सासों को खुशबू से अपनी महका दिया
मुहब्बत कहते हैंं रंगत ही बदल देती है
उम्र हो चली थी मुझको जवां बना दिया
उम्र हो चली थी मुझको जवां बना दिया
कितना हसीं राग था वह सात सुरों का
दिल को मुहब्बत का रस्ता दिखा दिया
दिल को मुहब्बत का रस्ता दिखा दिया
विसाले शब -मिलन की रात
तआर्रूफ - परिचय
-------सत्येंद्र गुप्ता
तआर्रूफ - परिचय
-------सत्येंद्र गुप्ता