Monday, May 11, 2015

आँखों से पीने के हम इतने आदी हो गए
उम्र भर पी नहीं  फिर भी शराबी  हो गए।
गज़ब की शय थी बिंदास उन आँखों  में
बस उसी शय के  हम भी शैदाई  हो गए।
इतनी पी ली आँखों से हमने भी ऐ सनम
मुहब्बत के ज़ाम पर ज़ाम  ख़ाली हो गए।
हंसके घायल कर दिया उसने दिल को मेरे
ख़ुद सिमट कर हया से वो गुलाबी हो गए। 
इश्क़ में एक मिसाल ये भी क़ायम हो गई
पी तो हम रहे थे  मगर वो शराबी हो गए।
मैंने कहा तलब से मान जा अब बस कर
बोली करूं क्या मैं वो मय पुरानी हो गए।
उम्र से भी लम्बी हैं  ख़्वाहिशें ज़वानी की
अब  हम  उसकी रज़ा में ही  राज़ी हो गए।
इबादतों की तरह है प्यार मेरा भी सनम
तुम पूजा हो मेरी और हम पुजारी हो गए।

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