या ख़ुदा मेरी आज़माइशें टाल दे
मुझे मुश्किलों से बाहर निकाल दे।
अपनी रहमतों का साया दे मुझे
हर वक़्त मुझे न उलझे सवाल दे।
चुन चुन कर हर दर्द तू दे दे मुझे
ख़ुशी भी मगर कोई बेमिसाल दे।
मुझको भी साहिलों की तलाश है
क़िश्ती मेरी भंवर से निकाल दे।
ख़्वाहिश है पहुंचू मैं भी मुक़ाम पे
हौसलों को मेरे कोई नई चाल दे।
मेरी नमाज़ या पूजा तेरे हवाले है
ज़िंदगी से मेरा रिश्ता बहाल दे।
कोई तौफ़ीक़ मुझको भी अता कर
मुझे तू अपनी आरज़ू ए विसाल दे।
मुझे मुश्किलों से बाहर निकाल दे।
अपनी रहमतों का साया दे मुझे
हर वक़्त मुझे न उलझे सवाल दे।
चुन चुन कर हर दर्द तू दे दे मुझे
ख़ुशी भी मगर कोई बेमिसाल दे।
मुझको भी साहिलों की तलाश है
क़िश्ती मेरी भंवर से निकाल दे।
ख़्वाहिश है पहुंचू मैं भी मुक़ाम पे
हौसलों को मेरे कोई नई चाल दे।
मेरी नमाज़ या पूजा तेरे हवाले है
ज़िंदगी से मेरा रिश्ता बहाल दे।
कोई तौफ़ीक़ मुझको भी अता कर
मुझे तू अपनी आरज़ू ए विसाल दे।
sundar :
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