रहज़नों से डर नहीं है मुझे
वो लूटकर तो छोड़ देते हैं
शिकायत तो अपनों से है
ज़िंदगी का रुख मोड़ देते हैं
चंद सिक्कों की ख़ातिर ही
सुलूक़ रिश्तों से जोड़ लेते हैं
मतलब निकल गया तो फिर
सुलूक़ रिश्ते सब तोड़ देते हैं
वो लूटकर तो छोड़ देते हैं
शिकायत तो अपनों से है
ज़िंदगी का रुख मोड़ देते हैं
चंद सिक्कों की ख़ातिर ही
सुलूक़ रिश्तों से जोड़ लेते हैं
मतलब निकल गया तो फिर
सुलूक़ रिश्ते सब तोड़ देते हैं
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