Sunday, January 5, 2014

अगर किसी का अच्छा मैं करता नहीं  हूँ
तो किसी का  बुरा भी  मैं  करता नहीं हूँ।
मैं समय हूँ ,मैं सब ही के साथ चलता हूँ
किसी के कहने पर बस मैं रुकता नहीं हूँ।
लालच, ईर्ष्या, द्वेष ,छल ,कपट या झूठ
किसी से  कभी मैं ,वास्ता रखता नहीं हूँ।
मैं  नफ़ा- नुक़सान  जैसे शब्दों से परे  हूँ
सर्दी ,गर्मी ,बारिश से भी  डरता नहीं हूँ ।
वो कहते हैं कि  समय ख़राब चल रहा है
मुक़द्दर किसी का मैं पर बदलता नहीं हूँ।
ऐ दुनिया वालों मुझको कोई दोष न दो
मैं किसी से भी लेना देना रखता नहीं हूँ।

 

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