Wednesday, January 23, 2013

ख़ुशबू उनकी जाफ़रानी है
चेहरे पर अज़ब नदानी है !
गालों पर दहकते हैं पलाश
शबाब उनका बे बयानी है !
चरचा पहुंचा चाँद पे उनका
लगा चाँद रु ब रु बेमानी है !
शब् ने चाँद से कहा हंसकर
तेरी चांदनी तो ये पुरानी है !
चाँद बोला,मेला दो घडी का है
यह माना रुत बड़ी सुहानी है !
उम्र तो रवानी है मौजो की
नहीं रहती हर पल जवानी है !
शबाब हर रात मेरा नया है
फिर कैसे चांदनी पुरानी है !
ज़ाम हो, शीशा हो या दिल
टूट जाना सबकी कहानी है !

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